खुद को पहचानिए
ये वक्त की ललकार है, नहीं कुछ अब रूकने वाला, परिस्थितियाँ अनुकूल नहीं और ना ये थमने वाला, आवाज बन कर चल निकल ।आ तु भी साथ चल बन जा काफ़िला बुजदिल अब ना बन, अन्दर ही अन्दर तु जलने वाला, उठ लिख नया इतिहास ।तु ही तो है रचनेवाला, वक्त की आवाज है ये नहीं रूकने वाला ,कब तक हाथ पे हाथ रख बैठा रहेगा, देख इंतजार कर रहा एक नया उजाला। बन ताकत, बन हिम्मत जगा सोये अरमा।तेरा है ये हिम्मत ना कभी हारने वाला, वक्त की जरूरत बन, तु नहीं अब झुकने वाला, इतिहास की इबारत तु लिख सकता है ।मौका तुझे देता है अब निला आस्मां वाला।चल उठ छू आसमान ,यहां तेरी तकदीर और कोई नहीं बदलने वाला, वक्त की आवाज बन ।तु अब नहीं रूकने वाला, तोड जंजीर मानसिक गुलामी की यही तो वक्त है तुझे बताने वाला, करोड़ो रूके हैं आश में हो तो कोई दिशा दिखाने वाला, छोटी ओछी और संकरी सोच मजबूर करती तड़पाती है, निकाल देती है हिम्मत का दिवाला, फिर भी उठ खड़ा हो, बान्ध कमर भर साहस, कर हौसला मजबूत, क्योंकि आश है तुझ पर नाज है तुझ पर ,और हाँ टूटे जो हौसला ,हारे जो तेरी हिम्मत, बैठे जो दिल तेरा, एक बार पुछ लेना अपने अंतर्मन से क्या कहता है सीना तेरा, क्या यही लक्ष्य है तेरे जीने का, रास्ते हैं कठिन, संकरे और जिल्लत भरे ये जहांन तुझे रूलायेगा, मांग लेना उस निले आस्मां वाले से हिम्मत मदद ताकत हो जायेगा पार घनघोर रूपी मझधार। लाखों करोड़ो की आशा ऊफ उम्मीद की किरण बन ।ढाल की तरह तु भी तन जा, मिशाल तु बेमिसाल बन, तु है अब सब करने वाला, वक्त की आवाज बन तु अब नहीं रूकने वाला।रख हौसला तु अब नहीं झुकने वाला।खुद को पहचानिए तु सब कुछ कर सकता है,याद रहे वक्त के साथ बदले तो ठीक, नहीं तो वक़्त ने बदला तो बहुत तकलीफ देगा। शुभकामनाए 🙏🙏